प्रापर्टी के ट्रांसफर का मतलब है संपत्ति के स्वामित्त्व का एक के हाथ से दूसरे के हाथों में जाना।
प्रापर्टी ट्रांसफर एक्ट, 1882 में ट्रांसफर की प्रक्रियाओं और उनके साथ जुड़ी शर्तों र्का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। एक्ट के मुताबिक, हस्तांतरण का मतलब है, ऐसा कार्य जिसके द्वारा एक व्यक्ति प्रापर्टी को किसी एक को या अधिक व्यक्तियों को या स्वयं और एक या अधिक व्यक्तियों को देता है।
ट्रांसफर वर्तमान या भविष्य में कभी भी हो सकता है। इसके साथ ही, 'व्यक्ति' कोई एक व्यक्ति, कंपनी, संगठन या व्यक्तियों की एक संस्था हो सकता है। एक्ट के तहत किसी भी प्रकार की प्रापर्टी का ट्रांसफर किया जा सकता है।
समझौता करने योग्य हर व्यक्ति पूर्णत: या अंशत: प्रापर्टी का ट्रांसफर करने के योग्य होता है। उसे ट्रांसफर करने योग्य प्रापर्टी का कानूनी मालिक होना चाहिए, या यदि वह ट्रांसफर करने योग्य प्रापर्टी का कानूनी मालिक नहीं है, तो वह उस प्रापर्टी को ट्रांसफर करने के लिए अधिकृत होना चहिए। प्रापर्टी पर उसका पूर्ण अधिकार हो सकता है या यह सशर्त हो सकता है।
ऐसे मामलों में प्रापर्टी का बिना लिखा-पढ़ी के भी हस्तांतरण हो सकता है, जहां कानून में लिखा-पढ़ी को आवश्यक नहीं ठहराया गया हो। इसे पूर्णत: या शर्तों र्के साथ हस्तांतरित किया जा सकता है। ऐसे ट्रांसफर उसी सीमा तक या रूप में हो सकते हैं, जितना कानूनन अनुमति दी गई है। प्रापर्टी चल या अचल, वर्तमान या भविष्य की हो सकती है।
ट्रांसफर डाक्यूमेंट में जब तक अलग से किसी मंशा का उल्लेख ना किया गया हो या आवश्यक ना बनाया गया हो प्रापर्टी के ट्रांसफर के साथ ही उससे जुड़े ट्रांसफर करने वाले के ऐसे हित भी हस्तांतरित हो जाते हैं, जिसके लिए उस प्रापर्टी में और कानून में हस्तांतरित करने वाले को योग्य ठहराया गया है।

अचल प्रापर्टी की बिक्री -

बिक्री एक कीमत के बदले प्रापर्टी के स्वामित्त्व का ट्रांसफर है। ऐसे ट्रांसफर सिर्फ रजिस्टर्ड इंस्ट्रूमेंट के जरिए ही किए जा सकते हैं। प्रापर्टी की अदायगी तब होती है, जब विक्रेता खरीदार को प्रापर्टी का स्वामित्त्व सौंपता है। इस प्रकार प्रापर्टी की अदायगी सिर्फ खरीदार या उसके द्वारा अधिकृत किसी व्यक्ति को वास्तविक स्वामित्त्व सौंपने के बाद ही होती है।
अधिकार (चार्ज) - जब किसी की प्रापर्टी को किसी दूसरे व्यक्ति को किसी राशि का भुगतान करने के लिए जमानत बनाया जाता है, और लेन-देन गिरवी के रूप में नहीं होता है, तो दूसरे व्यक्ति का उस संपत्ति पर अधिकार (चार्ज) माना जाता है। यह दोनों पक्षों की गतिविधियों या कानून के कार्यान्वयन से हो सकता है। ऐसे अधिकार या चार्ज में गिरवी के प्रावधान लागू होंगे।

प्रापर्टी की लीज -

प्रापर्टी की लीज का मतलब प्रापर्टी का उपयोग करने के अधिकार का ट्रांसफर है। यह बताए गए या कानूनी रूप से एक निश्चित अवधि या हमेशा के लिए हो सकता है। साल दर साल या एक साल से अधिक किसी भी अवधि के लिए प्रापर्टी को सिर्फ रजिस्टर्ड इंस्ट्रमेंट के द्वारा ही लीज पर दिया जा सकता है।