आधुनिक युग में इंटरनेट ने दुनिया को बहुत छोटा कर दिया है। बटन दबाते ही आप विश्व की छोटी-बड़ी सभी जानकारियाँ पा सकते हैं। इस आधुनिक सुविधा का लाभ हम बैंकिंग सेक्टर में भी उठा रहे हैं। सभी बैंकें आजकल अपने ग्राहकों को यह सुविधा प्रदान कर रही हैं।
क्या है इंटरनेट बैंकिंग- इंटरनेट बैंकिंग के जरिए बैंकों द्वारा अपने खाताधारकों को उनके खाते से व्यवहार (लेन-देन) की सुविधा प्रदान की जाती है। यूजर नंबर द्वारा जैसे ही बैंक की वेबसाइट पर ग्राहक लॉगऑन करता है, कोड नंबर द्वारा उसकी पहचान की जाती है। इंटरनेट बैंकिंग का मुख्य उद्देश्य दुनिया के किसी भी कोने में बैठे बैंक के ग्राहक को रुपयों के लेन-देन, ऋण, बिलों के भुगतान आदि की सुविधा प्रदान करना है।
इंटरनेट बैंकिंग के लाभ - भारतीय स्टेट बैंक के विपणन कार्यपालक सुरेश शुक्ला बताते हैं कि शॉपिंग करने, बिल भरने या ऑन लाइन टिकट बुकिंग के भुगतान में इस सुविधा का सुरक्षित उपयोग किया जा सकता है। ऑन लाइन भुगतान तब ही करें जब शॉपिंग साइट आपको बैंक की वेबसाइट तक पहुँचाए। पानी, बिजली, मासिक किस्तें आदि का दिशा निर्देश देकर आप भुगतान की तारीख भूलने से बच सकते हैं। यह काम आप ईसीएम इलेक्ट्रॉनिक्स क्लीयरिंग सर्विस के द्वारा भी कर सकते हैं।
सावधानियाँ : किसी भी प्रकार के लेनदेन के बाद अपने इंटरनेट बैंकिंग खाते से लॉग आउट अवश्य करें। ऑन लाइन शॉपिंग के लेनदेने की हार्डकॉपी संभाल कर रखें। अपने बैंक खाता विवरणी की जानकारी नियमित लेते रहें ताकि आपको अपने खाते की नवीनतम जानकारी मिलती रहे। अपने पासवर्ड को लगातार परिवर्तित करते रहे।
अपने कम्प्यूटर में एंटी वायरस सॉटवेयर एप्लीकेशन जरूर डालें। ऐसा करने से अवांछित प्रोग्राम कंप्यूटर से दूर रहेंगे साथ ही लेनदेन करना भी अधिक सुरक्षित रहेगा। आजकल अनेक बैंकें भुगतान के बाद एसएमएस या ईमेल सुविधा भी प्रदान करती हैं, इन सुविधाओं का लाभ लें। अपने पासवर्ड की जानकारी दूसरों को ना दें। अगर किसी भी मेल में आपसे आपका यूजर नेम या पासवर्ड माँगा जाए तो बिलकुल भी ना दें।
बैंक कभी भी अपने खाताधारकों से इस तरह की व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा करने को नहीं कहता है। ऑनलाइन लेनदेन के लिए साइबर कैफे के उपयोग से बचें। यहाँ जानकारी का दुरुपयोग होने का खतरा है।