जमाना है इनोवेटिव मार्केटिंग का 
 कस्‍टमर अब पहले से काफी ज्यादा स्‍मार्ट और समझदार हो गया है। ऐसे में कंपनियों के पास अपने उत्पादों को मार्केट करने के लिए रोज नए इनोवेटिव तरीके अपनाने पड़ते हैं ताकि उपभोक्ताओं पर सीधा असर किया जा सके। अब केवल वर्षों से चले आ रहे मार्केटिंग के तरीकों से कंज्‍यूमर को रिझाया नहीं जा सकता।

अब केवल ब्रांड लॉयलटी की बात नहीं होती बल्कि कंज्‍यूमर से सीधा कम्‍युनि‍केशन कर प्रोडक्‍ट के बारे में जाना जाता है और कंज्‍यूमर सही मायने में राजा है, इस बात का एहसास दिलवाना भी जरूरी हो गया है। उपभोक्ता अब इतना होशियार हो गया है कि वह बाजार में उपलब्ध प्रोडक्‍ट को सही तरीके से जानता भी है और उसे इस संबंध में संपूर्ण जानकारी भी है।

मार्केटिंग में इनोवेशन लाओ यह बात सभी कंपनियों के मार्केटिंग विभागों में लगातार कही जाती है। और अब तो एमबीए या बीबीए में मार्केटिंग यह सब्‍जेक्‍ट लेने के बाद भी केस स्टडीज के माध्यम से मार्केटिंग में इनोवेशन कैसे किया जाए इस संबंध में बताया जाता है। यही नहीं कोर्स के दौरान ही किसी भी प्रोडक्‍ट को बेचने के नए नए तरीके ईजाद करने के संबंध में कॉम्‍पीटि‍शंस भी आयोजित की जाती हैं।

दरअसल कंज्‍यूमर को अब केवल प्रोडक्‍ट बेचने व उसे अच्छी सर्वि‍स देने भर तक जिम्मेदारी नहीं रही है बल्कि अब कंज्‍यूमर से लंबे समय तक रिश्ते जोड़ने व उनसे सजेशंस माँगने के अलावा उन्हें इस बात का एहसास करवाया जाता है कि यह प्रोडक्‍ट खरीद कर आपने न केवल बेहतरीन कार्य किया है बल्कि यह स्मार्ट निर्णय कर आपने लंबे समय तक कंपनी से रिश्ता जोड़ा है।

ब्रांड का अनुभव

मार्केटिंग की दुनिया में यह बात बिलकुल पत्थर की लकीर है कि वर्ड ऑफ माउथ मार्केटिंग सबसे बेस्‍ट वे है मार्केटिंग का। इसके अंतर्गत यह देखा गया है कि कोई भी कस्‍टमर अपने मित्र या अन्य रिश्तेदार द्वारा किसी भी प्रोडक्‍ट की अच्छाई आपको काफी प्रभावित करती है।

कंपनियों की यही इच्छा रहती है कि उनके प्रोडक्‍ट का जिक्र लोग स्वयं करें ताकि वर्ड ऑफ माउथ मार्केटिंग होती रहे। इसके अलावा अब संपूर्ण ब्रांड अनुभव की बातें भी हो रही हैं यानी कि प्रोडक्‍ट के मार्केटिंग के लिए 360 डिग्री अप्रोच। कंज्‍यूमर तक पहुँचने के हर उस माध्यम का प्रयोग करना और कंज्‍यूमर को प्रोडक्‍ट के बारे में पूरा नॉलेज देना।

क्या हो नया?
कई विशेषज्ञों के अनुसार कंज्‍यूमर को सीधे तरीके से की गई मार्केटिंग अच्छी लगती है और यह उसे लंबे समय तक याद भी रहती है। जबकि वर्तमान की बात की जाए तब इनोवेशन मार्केटिंग करने के लिए कहा जाता है। इसका मतलब है ढेर सारे नए विचार दिमाग में लाओ और इस ओर ध्यान लगाओ की किस तरह से कंज्‍यूमर के दिल दिमाग तक पहुँचे और न केवल पहुँचे बल्कि वही स्थापित भी हो जाए।

अपनी मार्केटिंग योजना बनाएं
आपकी मार्केटिंग योजना एक स्पष्ट, संक्षिप्त और सुविचारित दस्तावेज़ होना चाहिए जो आपके पूरे मार्केटिंग कार्यक्रम में आपका मार्गदर्शन करे। इसके आपकी मार्केटिंग और इस बात पर केंद्रित होना चाहिए कि आप उस उद्देश्य को किस प्रकार प्राप्त करेंगे। आपकी कंपनी चाहे उत्पाद प्रदान करती हो या सेवाएं, आपकी सफलता के लिए आपकी मार्केटिंग योजना अनिवार्य है।

एक सफल मार्केटिंग योजना बनाने के लिए छ: प्रमुख बातें नीचे दी गई हैं। आपको प्रति खंड केवल एक या दो वाक्यों की जरूरत हो सकती है... या शायद आप प्रत्येक को कुछ संक्षिप्त बुलेट बिंदुओं में विभाजित करना चाहें।
The Purpose
Your Target Customer
The Benefits of Your Product or Service
Your Positioning
Your Marketing Tactics
आपका मार्केटिंग बजट
जैसे-जैसे आप प्रत्येक खंड से गुजरते जाएं, निम्नलिखित सुझावों और संकेतों को अपने दिमाग में रखें:

अपनी मार्केटिंग योजना का सरल बनाएं।

अनेक लघु व्यवसायी इतने विस्तार में चले जाते हैं कि वे अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। अपनी योजना को सरल रखकर, आप एक ऐसी स्पष्ट रूपरेखा बनाएंगे जो इस बात पर केंद्रित होगी कि इसे पूरा करने के लिए आपको क्या चाहिए।

अपनी मार्केटिंग योजना को लिख लें (इसके बारे में सिर्फ सोचते और अपने दिमाग में रखे रहने के बजाए)

एक ऐसा दस्तावेज़ होना महत्वपूर्ण है जो आपको याद दिलाए कि आप क्या प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रत्यक्ष और स्पष्ट बनें

यदि आप निश्चिंत न हों, तो किसी दोस्त, रिश्तेदार, सहकर्मी या कर्मचारी से अपनी योजना को पढ़ने के लिए कहें। वे फौरन आपके लक्ष्यों को समझ जाएंगे।

बहुत ज्यादा लचीलापन न दिखाएं।

आप विभिन्न बाज़ार संबंधी आकस्मिकताओं के लिए योजना बनाने हेतु आकर्षित हो सकते हैं। यदि आपका बाज़ार इतनी तेज़ी से बदलता है, तो उसे आपको अपनी योजना में शामिल करना चाहिए। लेकिन एक ऐसी रणनीति तैयार करें जिसे आप बनाए रख सकें - जोकि एक योजना के होने का सबसे पहला उद्देश्य है।

अपनी मार्केटिंग योजना का अक्सर - तिमाही या मासिक आधार पर समीक्षा करें।

इसका यह मतलब नहीं है कि आप हर महीने इसमें संशोधन करें। लेकिन इसका मूल्यांकन करने के लिए कुछ समय निकालें और यह सुनिश्चित करें कि यह सही रास्ते पर है।

अंतत:....मार्केटिंग करना कभी बंद न करें!

एक बार आपकी योजना बन जाने के बाद, आपको इस पर काम करने की जरूरत है। खुद को अपने मार्केटिंग कार्यक्रम के प्रति प्रतिबद्ध करें। अपने-आप में ठहराव न आने दें। इस पर अमल करें, और आप अपने व्यवसाय को फलने-फूलने का अवसर दे रहे होंगे।

प्रभावकारी प्रतिस्‍पर्द्धात्‍मक विश्‍लेषण
अपने छोटे व्‍यवसाय में सफलता पाने के लिए, आपका अपने प्रतिस्‍पर्द्धियों के बारे में भी उतनी ही जानकारी रखना जरूरी है जितना कि आप अपनी स्‍वयं की कंपनी और ग्राहकों के बारे में जानते हैं। दुर्भाग्‍यवश, अनेक छोटे व्‍यवसाय मालिक यह पता लगाने के बजाय कि उनका मुकाबला किस व्‍यक्ति और किस चीज से है, तब तक इंतजार करने की भूल करते हैं जब तक कि उनके आस-पास कोई प्रतिस्‍पर्द्धी दुकान नहीं खोल लेता और उनके मुनाफे में कटौती नहीं करने लगता।
प्रतिस्‍पर्द्धात्‍मक विश्‍लेषण आपको यह विचार देता है कि आप अपने प्रतिस्‍पर्द्धियों की पहचान करें और अपने मुकाबले उनकी शक्तियों और कमजोरियों का मूल्‍यांकन करें। अपने प्रतिस्‍पर्द्धियों के कार्यों को जानने के द्वारा, आप इस बात को बेहतर ढंग से समझ पाएंगें कि आपको कैसे उत्‍पाद और सेवाएं प्रस्‍तुत करनी चाहिए; आप उन्‍हें प्रभावकारी ढंग से कैसे बेच सकते हैं; और आप अपने व्‍यवसाय को किस स्थिति में रख सकते हैं।
प्रतिस्‍पर्द्धात्‍मक विश्‍लेषण एक सतत जारी रहने वाली प्रक्रिया है। आपको हमेशा ही अपने प्रतिस्‍पर्द्धियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करते रहनी चाहिए। उनकी वेबसाइटें देखें। उनके उत्‍पादों से संबंधित साहित्‍य और विवरणिकाओं को पढ़ें। उनके उत्‍पादों को लेकर देखें। देखें कि वे व्‍यापार प्रदर्शनियों में स्‍वयं को कैसे प्रस्‍तुत करते हैं। अपने औद्योगिक व्‍यापार प्रकाशनों में उनके बारे में पढ़ें। अपने ग्राहकों से इस बारे में बात करके देखें कि वे प्रतिस्‍पर्द्धी उत्‍पादों या सेवाओं के बारे में क्‍या महसूस करते हैं।
अपने प्रतिस्‍पर्द्धियों का विश्‍लेषण कैसे करें इस बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए चरणों पर क्लिक करें :
चरण 1: अपनी प्रतिस्‍पर्द्धा की पहचान करें
प्रत्‍येक व्‍यवसाय में प्रतिस्‍पर्द्धी होते हैं, और आपको समय निकालकर यह विचार करना चाहिए कि आपके ग्राहक किसी ऐसे उत्‍पाद या सेवा को प्राप्‍त करने के लिए किसके पास जा सकते हैं जो उसी प्रकार उनकी आवश्‍यकता की पूर्ति कर सकता है जिस तरह आपके उत्‍पाद या सेवाएं करते हैं। यहां तक कि अगर आपके उत्‍पाद या सेवाएं सचमुच ही नवोन्‍मेषी हों, तो भी आपको यह देखना चाहिए कि आपके ग्राहक इस कार्य को पूरा करने के लिए इसके अलावा और क्‍या खरीदेंगे। उदाहरण के लिए, आप एक ऐसी वेबसाइट खोल सकते हैं जो ऑनलाइन बिंगो प्रदान करती हो। तब आपकी प्रतिस्‍पर्द्धा बिंगो की अन्‍य साइटों, अन्‍य वेब गेमिंग साइटों, आपकी गली के पास के बिंगों हॉल वालों, और ऐसे अन्‍य व्‍यवसायों से होगी जो फुरसत के समय में खर्च होने वाले उन्‍हीं डॉलरों के लिए प्रतिस्‍पर्द्धा कर रहे हैं।
अपने प्राथमिक प्रतिस्‍पर्द्धियों पर नजर डालने से शुरू करें। ये ऐसे बाजार लीडर, कंपनियां हैं जो वर्तमान में आपके बाजार पर हावी हैं। ये संभवत: वही हैं जिनके खिलाफ आप स्‍वयं को नए ग्राहकों की अपनी तलाश में होड़ करते हुए पा रहे हैं। यदि आपएक पुष्‍प-विक्रेता हैं, तो ये आपके आस-पास के अन्‍य पुष्‍प-विक्रेता होंगे। यदि आप एक कंप्‍यूटर परामर्शदाता हैं, तो ये आप जैसी विशेषज्ञता वाले अन्‍य परामर्शदाता होंगे।
इसके बाद, अपने द्वितीयक और अप्रत्‍यक्ष प्रतिस्‍पर्द्धियों पर नजर डालें। ये ऐसे व्‍यवसाय हो सकते हैं जो शायद आपके साथ सीधी टक्‍कर में न हों, लेकिन जो आपके जैसे ही सामान्‍य बाजार पर लक्ष्‍य केंद्रित कर रहे हों। फिर से पुष्‍प-विक्रेता के उदाहरण को लें, तो यह सिर्फ गुलाब के फूल रखने वाला कोई छोटा स्‍थानीय स्‍टोर, एक राष्‍ट्रीय पुष्‍प डिलीवरी सेवा करने वाला, या आपके स्‍थानीय सुपरमार्केट का पुष्‍प/पौधे का विभाग या डिस्‍काउंट स्‍टोर हो सकता है..
अंत में, संभावित प्रतिस्‍पर्द्धियों पर नजर डालें। ये ऐसी कंपनियां हो सकती हैं जो शायद आपके बाजार में आ रही हों और जिनके खिलाफ प्रतिस्‍पर्द्धा करने के लिए आपको तैयारी करने की आवश्‍यकता हो सकती है। उदाहरण के लिए, आपका जमाए हुए दही का कोई स्‍वतंत्र स्‍टैंड हो सकता है; पर आपको जमाए हुए दही की राष्‍ट्रीय फ्रेंचाइसी के खिलाफ तैयारी करने की आवश्‍यकता होगी, भले ही वे अभी तक आपके बाजार में न आए हों।
चरण 2: शक्तियों और कमजोरियों का विश्‍लेषण करें
आपके द्वारा यह निश्चित कर लिए जाने के बाद कि आप प्रतिस्‍प‍र्द्धी कौन हैं, उनकी शक्तियों का निर्धारण करें और उनकी दुर्बलताओं का पता लगाएं। ग्राहक उनसे क्‍यों खरीदते हैं। कीमत? मूल्‍य? सेवा? सुविधा? प्रतिष्‍ठा की वजह से? आप वास्‍तविक शक्तियों और कमजोरियों पर जितना ध्‍यान देते हैं उतना ही ध्‍यान "दिखाई देने वाली" शक्तियों और कमजोरियों पर भी दें। ऐसा इसलिए क्‍योंकि ग्राहक की सहज अनुभूति वास्‍तविकता से अधिक महत्‍वपूर्ण हो सकती है।
शक्तियों/कमजोरियों के इस विश्‍लेषण को तालिका के रूप में करना एक' अच्‍छा विचार है। अपने प्रत्‍येक प्रतिस्‍पर्द्धी का नाम लिख लें। इसके बाद अपने व्‍यवसाय के क्षेत्र की प्रत्‍येक महत्‍वपूर्ण श्रेणी (कीमत, मूल्‍य, सेवा, स्‍थान, प्रतिष्‍ठा, विशेषज्ञता, सुविधा, कार्मिक, विज्ञापन/मार्केटिंग, या आपके तरह की कंपनी के लिए जो भी उपयुक्‍त हो) को सूचीबद्ध करने वाले कॉलम बनाएं। एक बार यह तालिका बना लेने के बाद, अपने प्रतिस्‍पर्द्धियों को आंकें, और इस तरह की टिप्‍पणी जोड़ना सुनिश्चित करें कि आपने उन्‍हें यह रेटिंग क्‍यों दी। यहां तक कि आप शक्तियों को लाल रंग से और कमजोरियों को नीले रंग से दर्शाना चाह सकते हैं, ताकि आप एक ही नजर में यह बता सकें कि प्रत्‍येक प्रतिस्‍पर्द्धी किस स्थिति पर है।
चरण 3: अवसरों तथा खतरों पर नजर डालें
शक्तियां और कमजोरियां अक्‍सर ऐसे कारक होते हैं जो एक कंपनी के नियंत्रण के तहत होते हैं। लेकिन जब आप अपनी प्रतिस्‍पर्द्धा की ओर देख रहे हों, तो आपको यह जांचने की आवश्‍यकता भी होगी कि वे अपने नियंत्रण के बाहर के कारकों के साथ निपटने के लिए कितनी अच्‍छी तरह तैयार हैं। इन्‍हें अवसर और खतरे कहा जाता है।
अवसर और खतरों की श्रेणियों की एक विस्‍तृत श्रृंखला है। यह प्रौद्योगिकीय विकास, नियामक या कानूनी कार्रवाई, आर्थिक कारक, या यहां तक कि एक नया संभावित प्रतिस्‍पर्द्धी भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, एक फोटो डेवलपिंग स्‍टोर को यह जानने की आवश्‍यकता होती है कि उसके प्रतिस्‍पर्द्धी डिजिटल फोटोग्राफी के आगमन की चुनौती से निपटने के लिए कितनी अच्‍छी तरह तैयार हैं। या वेब पर विक्रय करने वाली किसी कंपनी को यह विश्‍लेषण करना चाहिए कि इसके प्रतिस्‍पर्द्धी ऑनलाइन सुरक्षा संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए कितने तैयार हैं।
एक बार फिर, अपने प्रतिस्‍पर्द्धियों और आपके उद्योग पर प्रभाव डालने वाले बाह्य कारकों को सूचीबद्ध करने वाली एक तालिका का निर्माण करना इसे करने का एक प्रभावशाली तरीका है। इसके बाद आप यह बताने में सक्षम होंगे कि वे अवसरों और खतरों से कैसे निपट सकते हैं।
चरण 4. अपनी स्थिति निर्धारित करें
एक बार अपने प्रतिस्‍पर्द्धियों की शक्तियों और कमजोरियों का पता लगा लेने के बाद, आपको यह निर्धारित करने की आवश्‍यकता होगी कि प्रतिस्‍पर्द्धा के लिए अपनी कंपनी को किस स्थिति पर रखा जाए। हो सकता है कि इसमें से कुछ आपके विश्‍लेषणों के नतीजों से स्‍पष्‍ट ही हो, लेकिन आपका व्‍यवसाय कैसे प्रचालन कर रहा है इस पर एक कठोर दृष्टि डालना भी अच्‍छा रहता है।
इसे करने के सर्वाधिक प्रभावकारी तरीकों में से एक तरीका है, अपने व्‍यवसाय की शक्तियों/कमजोरियों अवसरों/खतरों का विश्‍लेषण करना। अपनी कंपनी को भी उन्‍हीं श्रेणियों में स्‍थान दें जहां आपने अपने प्रतिस्‍पर्द्धियों को स्‍थान दिया है। यह आपको इस बात की कहीं अधिक स्‍पष्‍ट तस्‍वीर देगा कि प्रतिस्‍पर्द्धा के इस परिवेश में आपका व्‍यवसाय किस जगह पर फिट बैठता है। साथ ही यह आपको इसका निर्धारण करने में भी मदद देगा कि आपको किन क्षेत्रों में सुधार करने की जरूरत है, और अपने व्‍यवसाय की किन चारित्रिक विशेषताओं का लाभ उठाकर आप और अधिक ग्राहक प्राप्‍त कर सकते हैं।
अंत में : अपनी शक्तियों को बढ़ाने के तरीकों की तलाश करें और अपने प्रतिस्‍पर्द्धि‍यों की कमजोरियों से लाभ उठाएं।